by admin on | 2023-12-14 10:52:38 Last Updated by admin on2025-01-18 08:05:04
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लखनऊ । जब 500 वर्षों की तपस्या और असंख्य बलिदानों के बाद अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का दिव्य-भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करकमलों से प्रभु श्रीराम अपने मंदिर में विराजमान होंगे तो 22 जनवरी 2024, इतिहास में यह तिथि अमर हो जाएगी।
योगी सरकार रामोत्सव के इस आयोजन को अभूतपूर्व बनाएगी। वहीं इसके जरिए योगी सरकार प्रदेश के नौनिहालों में श्रीराम के आदर्शों को उतारने को भी संकल्पित है। रामायण से जुड़े प्रसंगों पर चित्रकला, लेखन, वेशभूषा व रामायण गायन आदि प्रतियोगिताएं होंगी। इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करना है।
रामायण से जुड़े विभिन्न प्रसंगों पर बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों में होंगी प्रतियोगिताएं
योगी सरकार की ओर से रामायण से जुड़े विभिन्न प्रसंगों पर आधारित चित्रकला, लेखन, वेशभूषा व रामायण गायन आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। यह प्रतियोगिता यूपी के समस्त बेसिक व माध्यमिक स्तर के विद्यालयों में होगी। यही नहीं अयोध्या के विभिन्न घाटों व स्थलों पर रामायण से जुड़ी कलाकृतियों की स्थापना की जानी है। इन कलाकृतियों की आधुनिक रूप से साज-सज्जा प्रस्तावित है। कलाकृतियों के निर्माण का कार्य उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी लखनऊ के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों द्वारा कराया जाना प्रस्तावित है।
₹100 करोड़ खर्च कर होंगे आयोजन
संस्कृति विभाग की ओर से अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के आयोजन के दृष्टिगत लगभग ₹100 करोड़ खर्च किए जाएंगे। रामोत्सव के अंतर्गत प्रतियोगिताओं व मूर्तिकला-चित्रकला के जरिए युवाओं को प्रेरित करने के लिए भी बजट खर्च होगा। प्रतियोगिताओं पर ₹4 करोड़ और मूर्तिकला-चित्रकला पर ढाई करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। युवाओं को रामायण के प्रसंग से अवगत कराने के उद्देश्य से होने वाला यह कार्यक्रम अलौकिक, दिव्य व भव्य होगा।