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यूपी के एजुकेशन सिस्टम को देश में नंबर वन बनाने का लक्ष्य

by admin on | 2023-09-11 19:24:09 Last Updated by admin on2024-07-07 18:34:25

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यूपी के एजुकेशन सिस्टम को देश में नंबर वन बनाने का लक्ष्य

लखनऊ । प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का एजुकेशन सिस्टम देश में मिसाल बनने को तैयार है। नीति आयोग द्वारा जारी स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स (एसईक्यूआई) और परफॉर्मेंस ग्रेड इंडेक्स (पीजीआई) में यूपी को पहले स्थान पर लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। 


2.37 करोड़ विद्यार्थी ले रहे शिक्षा


प्रदेश में 1.41 लाख परिषदीय व माध्यमिक विद्यालय हैं।  इनमें 2.37 करोड़ विद्यार्थी शिक्षा हासिल कर रहे हैं। यूपी सरकार की ओर से इस वित्तीय वर्ष में 83 हजार करोड़ रुपये शिक्षा पर खर्च किए जा रहे हैं। प्रति छात्र के हिसाब से देखें तो ये धनराशि 35 हजार रुपये सालाना है।


2026 तक 5760 विद्यालय बनेंगे विश्वस्तरीय 


योगी सरकार का अगला बड़ा लक्ष्य 2026 तक प्रदेश के 5760 विद्यालयों को विश्वस्तरीय अध्ययन सुविधा उपलब्ध कराने पर है। हर कोई जानता है कि 6 साल पहले तक प्रदेश में नकलविहीन परीक्षाएं आयोजित करना एक सपना हुआ करता था। आज 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं ना सिर्फ पूरी तरह नकल मुक्त हुई हैं, बल्कि इसके लिए प्रदेश के विद्यालयों में अबतक 3 लाख से भी अधिक कैमरों को स्थापित की जा चुकी है। यही नहीं आउट ऑफ स्कूल बच्चों के लिए भी शारदा और दिव्यांग बच्चों के लिए समर्थ कार्यक्रम संचालित किया गया है। साथ ही कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को भी कक्षा 12 तक उच्चीकृत किया गया। वहीं प्रदेश के 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालयों के शुभारंभ को भी शिक्षा के क्षेत्र में योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।  


योगी सरकार में आमूलचूल परिवर्तन


2017 में सत्ता संभालने के बाद से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिला है। कायाकल्प अभियान के तहत प्रदेश के जर्जर स्कूलों की दशा सुधारने का कार्य तेजी से हुआ है। बीते अगस्त माह में ही प्रदेश सरकार ने ऑपरेशन कायाकल्प के दूसरे चरण का शुभारंभ भी कर दिया है। अबतक 1.36 लाख परिषदीय विद्यालयों का मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के साथ कायाकल्प किया जा चुका है। वहीं 1.64 लाख शिक्षकों की पारदर्शितापरक  नियुक्ति को सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। शिक्षकों से जुड़ी सेवाओं को ना सिर्फ मानव संपदा पोर्टल के जरिए डिजिटलीकरण किया गया है, बल्कि बच्चों की शिक्षा से जुड़ी सामग्रियों के लिए 1.91 करोड़ अभिभावकों के खाते में सीधे धनराशि हस्तांतरित की जा रही है



स्कूलों में जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर रही सरकार


योगी सरकार का जोर प्रदेश के स्कूलों में जल्द से जल्द जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने पर है। इसके लिए प्रति विद्यालय 7.8 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। ये धनराशि विभिन्न वित्तीय स्रोतों एवं अंतर्विभागीय कन्वर्जेंस से विद्यालयों के लिए मुहैया कराने के निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पहले ही दे दिया है। सरकार की ओर से स्कूलों के कायाकल्प के लिए 11 हजार करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की जानी है। इसमें से 5500 करोड़ रुपये राज्य/केंद्र वित्त आयोग, 3900 करोड़ रुपये राज्य निधि, 450 करोड़ रुपये जल जीवन मिशन, 415 करोड़ रुपये नगर निकाय, 250 करोड़ रुपये सीएसआर फंड और 20 करोड़ रुपये जिला खनिज निधि से प्राप्त किए जाएंगे।


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