सभी शिक्षित व सभ्य बनें, जन-जन का कल्याण करें”, के सर्वमान्य सिद्धान्त के लिए शिक्षा एक अत्यन्त सशक्त एवं प्रभावकारी माध्यम है। बौद्धिक सम्पन्नता एवं राष्ट्रीय आत्म निर्भरता की आधारशिला शिक्षा ही है। वर्ष 1972 तक शिक्षा निदेशक के अन्तर्गत प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च तथा प्रशिक्षण स्तर की शिक्षा संचालशालय की स्थापना की गयी ।