by admin on | 2023-11-02 12:46:48
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लखनऊ । जिस पूर्वांचल की कभी देश के सबसे पिछड़े इलाके में गिनती होती थी आज वह क्षेत्र उद्यमियों के लिए विशेष रुचि का क्षेत्र बन चुका है। एक्सप्रेसवे, एयरपोर्ट, इनलैंड वॉटर वे और बेहतरीन रेल कनेक्टिविटी से पूर्वांचल में विकास की बयार बहना शुरू हो गई है। इसके अलावा बिजली आपूर्ति में सुधार और सुदृढ़ हुई कानून-व्यवस्था व माफियाराज के अंत ने पूर्वांचल में समृद्धि के द्वार खोल दिए हैं। फरवरी में हुए यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद योगी सरकार अब इसकी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की तैयारियों में जुटी है। इसमें पूर्वांचल में ₹1,24,389 करोड़ के प्रोजेक्ट धरातल पर उतरने को तैयार हैं। इनमें भी सबसे अधिक निवेश उन तीन जिलों में धरातल पर उतरने जा रहा है, जिन्हें कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था।
नक्सल नहीं निवेश का गढ़
प्रदेश का सोनभद्र, मीरजापुर और चंदौली कभी देश के नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल था। हालांकि, योगीराज में इन तीनों जिलों में सर्वाधिक निवेश धरातल पर उतरने जा रहा है। सोनभद्र की बात करें तो यहां 30 प्रोजेक्ट के जमीन पर उतरने का रास्ता साफ हो गया है। सोनभद्र में निवेशक ₹54,042 करोड़ की लगाने को तैयार हैं। इसी तरह चंदौली में भी 46 प्रोजेक्ट के जरिए ₹16,161 करोड़ के निवेश के जमीन पर उतरने के लिए तैयार हैं। वहीं मीरजापुर में भी 46 प्रोजेक्ट के माध्यम से ₹5,957 करोड़ का निवेश धरातल पर उतरने जा रहा है।
महानगरों से लेकर छोटे-छोटे जिलों में निवेशकों की रुचि
बात करें पूर्वांचल के बड़े महानगरों की तो वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर में भी भारी भरकम निवेश धरातल पर उतरने को तैयार है। वाराणसी में 105 प्रोजेक्ट के जरिए ₹13,949 करोड़, गोरखपुर में 249 प्रोजेक्ट के जरिए ₹10,087 करेाड़ और प्रयागराज में 130 प्रोजेक्ट के जरिए ₹7,041 करोड़ का निवेश धरातल पर उतरने जा रहा है। वहीं पूर्वांचल के अन्य जिलों की बात करें तो गाजीपुर में 85 प्रोजेक्ट धरातल पर उतरने को तैयार हैं, जिनके जरिए ₹527 करोड़ का निवेश होगा, जौनपुर में 90 प्रोजेक्ट के जरिए ₹2,299 करोड़, भदोही में 35 प्रोजेक्ट के जरिए ₹254 करोड़, मऊ में 39 प्रोजेक्ट धरातल पर उतरने को तैयार हैं, इनमें ₹929 करोड़ का निवेश होगा। आजमगढ़ में 93 प्रोजेक्ट के साथ ₹595 करोड़, बलिया में 33 प्रोजेक्ट के साथ ₹1,586 करोड़ का निवेश जमीन पर उतरने को तैयार है।
इसके अलावा देवरिया में 66 प्रोजेक्ट के माध्यम से ₹711 करोड़, कुशीनगर में 54 प्रोजेक्ट के जरिए ₹635 करोड़, महाराजगंज में 83 प्रोजेक्ट के जरिए ₹572 करोड़, संत कबीरनगर में 25 प्रोजेक्ट के जरिए ₹484 करोड़, बस्ती में 90 प्रोजेक्ट के जरिए ₹1,339 करोड़, सिद्धार्थनगर में 45 प्रोजेक्ट के जरिए ₹222 करोड़, प्रतापगढ़ में 55 प्रोजेक्ट के जरिए ₹5,367 करोड़, फतेहपुर में 58 रेडी प्रोजेक्ट के माध्यम से ₹1,326 करोड़ और कौशाम्बी में 30 प्रोजेक्ट के जरिए ₹308 करोड़ का निवेश फिलहाल धरातल पर उतरने को तैयार है।
सरकार का प्रयास है कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से पहले और बड़ी संख्या में निवेशकों को निवेश के लिए तैयार कर लिया जाएगा, जिससे निवेश की रकम और बढ़ जाएगी। जाहिर तौर पर पूर्वांचल में 1.24 लाख करोड़ के निवेश से बड़े पैमाने पर रोजगार का भी सृजन होगा और प्रदेश के इस पिछड़े माने जाने वाले क्षेत्र में समृद्धि के एक नये युग की शुरुआत होगी।