by admin on | 2023-05-18 10:45:43 Last Updated by admin on2024-11-21 14:21:42
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योगी सरकार अखिलेश राज में बीमारू घोषित हुए डेयरी सेक्टर में जान फूंकेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निर्देश मिलने के बाद दुग्ध विकास विभाग इसके लिए काम करना शुरू कर दिया। इस वित्त वर्ष में विभाग ने प्रदेश के छह दुग्ध संगठनों को घाटे से निकालने यानी ब्रेक इवेन प्वॉइंट पर लाने का लक्ष्य बनाया है। पिछले यानी वित्त वर्ष 2022-2023 में विभाग प्रदेश के दो दुग्ध संगठनों को घाटे से बाहर निकलने में सफल रहा है।
सीएम योगी प्रदेश के किसानों और पशुपालकों को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि प्रदेश के 18 मंडलों में स्थापित 19 दुग्ध संगठन सुदृढ़ हो। इस दिशा में राज्य सरकार नित नए कदम उठा रही है और विभाग के लिए लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया है। इसके तहत इस वित्त वर्ष के 220 नई समितियों का गठन किया जाएगा। साथ ही 450 पुरानी दुग्ध समितियों को पुनर्गठित करने की योजना बनाई गई है।
दुग्ध संगठनों के घाटे को कम करते हुए उन्हें मुनाफे में लाने के लिए प्रदेश सरकार ने विशेष योजना बनाई है। इसके तहत 435 करोड़ रूपये दुग्ध संघों को का अनुदान के तौर पर दिए जाएंगे। इसमें आधा धन भारत सरकार देगी। वहीं आधा धन उत्तर प्रदेश सरकार खर्च करेगी। केंद्रीय पशुपालन एवं डेयरी मंत्री की अध्यक्षता में हुई दुग्ध विकास की बैठक में इस पर मुहर लग गई है। यही नहीं योगी सरकार दुग्ध संगठनों को मजबूत करने के लिए उन्हें बैंकों से भी ऋण दिलाएगी।
इन दुग्ध संघों को घाटे से बाहर लाएगी सरकार
पिछले वित्त वर्ष में योगी सरकार अयोध्या और बरेली की एक यूनिट को घाटे से बाहर लाने की योजना बनाई थी, जिन्हें आज ब्रेक इवेन प्वॉइंट पर ला दिया गया है। इससे उत्साहित सरकार इस वर्ष झांसी, मेरठ, गोंडा, अयोध्या, गोरखपुर और बरेली की दुग्ध संघ को ब्रेक इवेन प्वॉइंट पर लाने की योजना में है।