by admin on | 2023-06-25 06:10:04
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उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की योजनाओं का लाभ हर तबके तक पहुंच रहा है। जो योजनाएं किसी विशेष वर्ग के उन्मूलन के लिए शुरू की गई हैं, उन्हें उनका पूरा लाभ मिल रहा है। इस क्रम में पीएम अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-अजय) का क्रियान्वयन भी उत्तर प्रदेश में तेजी से प्रगति कर रहा है। 15 मार्च 2023 तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार प्रदेश सरकार ने सभी 75 जनपदों में चिन्हित 6171 ग्रामों में 2521 ग्रामों की ड्राफ्ट विकास योजना (वीडीपी) तैयार करा ली है। 1,132 ग्रामों की वीडीपी को जिला अभिसरण समिति से अनुमोदित करा लिया गया है।
साथ ही 717 ग्रामों को आदर्श ग्राम भी घोषित किया जा चुका है। यही नहीं, वित्तीय वर्ष 2022-23 मे योजना के अंतर्गत 6108.17 लाख की 6 परियोजनाएं भी प्रस्तावित की गई हैं। उल्लेखनीय है कि पीएम-अजय के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य गांवों में बसने वाली पिछड़ी जातियों का उन्मूलन करना है, जिसमें योगी सरकार कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग कर रही है।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना पीएम-अजय का महत्वपूर्ण घटक है। इसके क्रियान्वयन के लिए योगी सरकार ने समाज कल्याण विभाग को नोडल विभाग तथा प्रदेश स्तर पर प्रबन्ध निदेशक, अनुगम को नोडल एजेंसी नामित किया है। आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले ग्रामों को वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर चिन्हित करते हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 तक प्रदेश के 6171 ग्राम तथा वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 40 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले 4213 (नवचयनित) ग्राम, कुल 10,384 ग्रामों का चिन्हीकरण किया गया है।
चिन्हित ग्रामों में निर्धारित मानिट्रेबल इंडिकेटर के अनुसार ग्रामों की आवश्यकताओं (अवसरंचनात्मक कार्यों एवं लाभार्थीपरक कार्यों)के सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कराते हुए ग्राम विकास योजना (वीडीपी) तैयार कराई जानी है। अवसरंचनात्मक कार्यों के लिए 20 लाख की धनराशि प्रति ग्राम उपलब्ध कराई जाती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के सभी 75 जनपदों में चिन्हित 6171 ग्रामों में 2521 ग्रामों की ड्राफ्ट वीडीपी तैयार हो गई है, जिसमें से 1,132 ग्रामों की वीडीपी का जिला अभिसरण समिति से अनुमोदन भी हो चुका है। 717 ग्रामों को आदर्श ग्राम घोषित किया जा चुका है। मुख्य सचिव डीएस मिश्रा ने बाकी बचीं 1389 वीडीपी पर तत्काल बैठक बुलाकर अनुमोदन की कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए हैं।
61 हजार लाख की 6 परियोजनाएं प्रस्तावित
पीएम-अजय के एक अन्य घटक यानी ग्रांट इन एड (सहायता अनुदान) के अंतर्गत अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को उद्यमिता विकास के माध्यम से विभिन्न उपयोगी परियोजनाओं की स्थापना की जानी है। इसमें अनुसूचित जाति के व्यक्तियों का क्लस्टर/समूहों का चयन किया जाता है। क्लस्टर/समूह द्वारा प्रस्तुत परियोजना के सफल संचालन के लिये उन्हें प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 मे योजना के तहत 6108.17 लाख की 6 परियोजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। मुख्य सचिव ने इसके अंतर्गत सभी जिलों के जिलाधिकारियों को अनुसूचित जाति के परिवारों की अभिरूचि एवं क्षेत्रीय आवश्यकता के आधार पर परियोजनाएं तैयार कराने के निर्देश दिए हैं।