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योगी सरकार बढ़ाएगी खुर्जा के खुरचन, मथुरा के पेड़े, आगरा के पेठे, लखनऊ की रेवड़ी की मिठास

by admin on | 2023-06-25 06:07:18

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योगी सरकार बढ़ाएगी खुर्जा के खुरचन, मथुरा के पेड़े, आगरा के पेठे, लखनऊ की रेवड़ी की मिठास

पूरब से पश्चिम। उत्तर से दक्षिण। शहर दर शहर और कस्बों की अपनी कुछ पहचान है। न जाने कबसे यह पहचान उन जगहों के साथ ऐसी नत्थी हो गई है कि संबंधित शहर कस्बे का नाम लेते ही उनकी पहचान बन चुकी इन चीजों का नाम भी बरबस जेहन में उभर आता है। कुछ तो इनके स्वाद एवं स्वरूप का भी अहसास कराने लगते हैं।

 

मसलन आगरा सिर्फ ताजमहल के लिए ही नहीं अपने तरह-तरह के फ्लेवर वाले पेठों के लिए भी जाना जाता है। ब्रज की पावन भूमि मथुरा राधा-कृष्ण के साथ अपने पेड़ों के मिठास के लिए भी प्रसिद्ध है। पूर्वांचल के मऊ जिले के गोठा कस्बे के गुड़ की सोंधी-सोंधी महक एवं मिठास के आसपास के लोग ही नहीं सारनाथ से कपिलवस्तुलुम्बिनीकुशीनगर जाने वाले बौद्धिस्ट भी कायल हैं। संडीला का लड्डूखुर्जा का खुरचन और भी ऐसी तमाम चीजें हैं जो संबंधित शहर या कस्बे की पर्याय बन चुकी हैं।

 

अब ऐसी चीजों को योगी सरकार ब्रांड बनाने की तैयारी में है। यह एक तरीके से इन चीजों के और उत्तर प्रदेश के ब्रांड को देश-दुनिया में और विस्तार देने की पहल है। ठीक उसी तरह जैसे 2018 में ऐसी ही कुछ चीजों को सरकार ने एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) घोषित कर किया था। इस बार भी तरीका वही होगा। इनमें से कुछ चीजों को ओडीओपी में शामिल किया जाएगा तो कुछ को जीआई टैग (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) दिलवाकर उनकी पहचान को और मुकम्मल किया जाएगा। यह सिलसिला शुरू भी हो चुका है। ओडीओपी को विस्तार देने के साथ ऊपर उल्लिखित उत्पादों को जीआई टैग दिलवाने की गंभीर पहल के साथ।

 

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन एवं प्रशासन ने 100 से अधिक ऐसे उत्पादों की सूची बनाई जिनको स्थानीय खूबियों के नाते जीआई टैग दिलाने की पहल की जा सकती है। इन तमाम उत्पादों में से 21 को इस बाबत गठित हाई पॉवर कमेटी हरी झंडी दे चुकी है। लगे हाथ अपर मुख्य सचिव ने संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों को इस संबंध में शीघ्र आवेदन देने का भी निर्देश दिया था। बचे उत्पादों पर कमेटी अगले चरण पर विचार करेगी।

 

जिन उत्पादों को हाई पावर कमेटी ने हरी झंडी दी है उनमें बाराबंकी एवं रामपुर का मेंथागोरखपुर का पनियालामऊ का बैगनमेरठ की गजकबुंदेलखंड की अरहर दाल,  हाथरस का गुलाबजलगुलकंदबलिया का बोरो धानएटा का चिकोरीफर्रुखाबाद का फुलवा आलूफतेहपुर का मालवा पेड़ासोनभद्र की चिरौंजी,कानपुर का लाल ज्वारमीरजापुर का ज्वार एवं देशी बाजरा आदि भी शामिल हैं।

 

भौगोलिक संकेतक उत्पाद के लिये कानूनी संरक्षण प्रदान करता है। अन्य लोगों द्वारा किसी पंजीकृत भौगोलिक संकेतक के अनधिकृत प्रयोग को रोकता है। यह संबंधित भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित वस्तुओं के उत्पादकों की आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देता है।


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