by admin on | 2023-08-03 12:21:40
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- सरकार ने जारी की गाइड लाइन, लोक कला मंडलियों को मिलेगा प्रस्तुति का मंच
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लोक कलाओं और सांस्कृतिक परम्पराओं के संरक्षण और उन्नयन के लिए निरन्तर प्रयत्न कर रही है। समय के साथ विलुप्त होने की कगार पर पहुंची इन लोक कलाओं के पुनर्जीवन के लिए योगी सरकार आगे आई है।
उत्तर प्रदेश में लोक कलाओं की समृद्ध विरासत है। यहां हर अंचल और क्षेत्र की अपनी लोक कला है जिसे यहां के लोक कलाकार प्रस्तुतियां देकर जीवंत रखते रहे हैं। तकनीकी के विकास के साथ इन लोक कलाओं की प्रस्तुतियां कम होती गई जिससे कई लोक कलाएं विलुप्त होने की स्थिति में पहुंच गई। योगी सरकार ने इन्हें पुनर्जीवन देने के लिए प्रयास शुरू किये हैं। जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री के मुताबिक़ भजन -कीर्तन मंडली, राम लीला और कृष्णलीला जैसी लोक कलाओं की प्रस्तुतियां देने वाली संस्थाओं को प्रदेश सरकार मंच प्रदान करेगी। इन संस्थाओं से जुड़े लोक कलाकारों और लोक मंडलियों का पंजीकरण कराने के लिए प्रशासन की तरफ से प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। स्थानीय मेलों, त्योहारों, उत्सवों और सांस्कृतिक विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रमों में इन्हें प्रस्तुति का अवसर दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने जारी की गाइड लाइन
योगी सरकार लोक कलाकारों के जीवन में सकारत्मक बदलाव के लिए कृत संकल्प है। अब प्रदेश में भजन - कीर्तन मंडली, राम लीला और कृष्ण लीला से जुड़ी लोक कलाओं के संरक्षण के साथ उन्हें प्रस्तुति का मंच मिलेगा। लोक कलाकार आजीविका के साधनों से जुड़ेंगे। इसके लिए सरकार की तरफ से गाइड लाइन जारी की गई है। इसके लिए भजन - कीर्तन मंडली के पास पांच वर्ष तक कार्यक्रम प्रस्तुति का अनुभव होना चाहिए। मंडली में कम से कम 5 और अधिक से अधिक 25 सदस्य होना चाहिए । यह भी अनिवार्य है कि यह मंडली अगर किसी मंदिर किसी मंदिर से सम्बद्ध है तो उसका भी प्रमाणपत्र होना चाहिए। इसके लिए प्रदेश के संस्कृति विभाग की वेबसाइट पर नि:शुल्क पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
लोक कलाओं के लिए संजीवनी
उत्तर प्रदेश विविधताओं का राज्य है, यह विविधता यहां की आंचलिक लोक परम्पराओं और लोक कलाओं में विशेष रूप से मुखर होकर सामने आती हैं। प्रदेश में लोक कलाओं से जुड़े 11,7,251 लोक कलाकार विभिन्न सर्वे में चिन्हित किये गए हैं । इसमें कई कलाकार तो अपनी जीविका चलाने के लिए इससे दूर हटने को विवश हो गए हैं। किसी सरकार ने इन्हें प्रस्तुति का मंच देने का विचार अब तक नहीं किया।
योगी सरकार के इस प्रयास से लोक कलाओं को बड़ा संबल मिलेगा । वो लोक कलाएं जो हमारे लोक जीवन से हमारे समाज में जीवन मूल्यों को अगली पीढियों तक पहुंचाती हैं उन्हें आगे ले जाने का रास्ता निकलेगा।