by admin on | 2023-06-25 18:05:20
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योगी आदित्यनाथ ने 2017 में मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने के बाद प्रदेश में न सिर्फ विकास योजनाओं को तेज गति से आगे बढ़ाया बल्कि आस्था और विरासत के सम्मान में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। भारत के प्रमुख धार्मिक, अध्यात्मिक और ऐतिहासिक स्थलों की भरमार वाले प्रदेश में सदियों से उपेक्षा के शिकार रहे महत्वपूर्ण स्थलों को नये सिरे से विकसित करते हुए पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने में योगी सरकार को उल्लेखनीय सफलता हासिल हुई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 2019 में प्रयागराज में भव्य एवं दिव्य कुंभ मेले का आयोजन किया गया, तो वहीं 2025 के महाकुंभ के लिए योगी सरकार अभी से मिशन मोड में जुटी हुई है। सरकार की ओर से इसके लिए 2500 करोड़ रुपये की धनराशि का आंवंटन किया है। यही नहीं बीते साल अयोध्या में सर्वाधिक 17 लाख से अधिक दीप प्रज्ज्वलित करके योगी सरकार ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इस आयोजन को दर्ज कराया है। काशी विश्वनाथ धाम में सुविधाओं के विकास के साथ ही पर्यटकों की संख्या में हुई अप्रत्याशित वृद्धि ने सबको चौंका के रखा है।
प्रदेश सरकार की ओर से वाराणसी कुशीनगर, श्रावस्ती, संकिसा में बुद्धिस्ट कॉन्क्लेव का आयोजन हो या वाराणसी और मगहर में कबीर फेस्टिवल का आयोजन। ग्लोबल इन्साइक्लोपीडिया ऑफ रामायण के अंतर्गत 10 ग्रंथों का प्रकाशन हो या मगहर में संत कबीर अकादमी के विभिन्न भवनों का लोकार्पण, हर फैसले में विरासत के प्रति सम्मान का भाव स्पष्ट झलकता है।