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आध्यात्मिक शहरों में भी जीआईएस का प्रभाव रोजगार की गंगा का होगा बहाव

by admin on | 2023-06-25 18:08:33

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आध्यात्मिक शहरों में भी जीआईएस का प्रभाव रोजगार की गंगा का होगा बहाव

योगी सरकार ने आध्यात्मिक शहर अयोध्या काशी मथुरा चित्रकूट सीतापुर मिर्जापुर  प्रयागराज को अलग पहचान दिलाई। पहले कार्यकाल से ही इन शहरों का संपूर्ण विकास योगी आदित्यनाथ का ध्येय रहा। एक ओर जहां अयोध्या में 500 वर्ष के इंतजार के बाद श्रीराम मंदिर बन रहा है  वहीं दूसरी ओर काशी में विश्वनाथ कॉरिडोर के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हो रही है।

मिर्जापुर में विंध्य कॉरिडोर निर्माणाधीन है तो सीतापुर के नैमिषारण्य तीर्थ स्थल को संवारकर विरासत का सम्मान किया गया। श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा हो या प्रयागराज सरकार ने सभी तीर्थस्थलों का विकास किया। तिरुपति बालाजी वैष्णो देवी शिरडी साईं समेत अनेक ऐसे मंदिर हैं जो अपने-अपने प्रदेशों की आय बढ़ाने और रोजगार सृजन का बड़ा स्रोत हैं। ऐसे में प्रमुख धार्मिक तीर्थस्थलों से यूपी  सिर्फ आध्यात्मिक बल्कि आर्थिक रूप से भी शिखर पर पहुंचेगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जीआईएस 23 के जरिए इन सातों शहरों में 4 लाख 14 हजार से अधिक का निवेश हुआ और रोजगार के 4 लाख 35 हजार से अधिक अवसर सृजित हुए।

अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है। जनवरी 2024 तक सरकार इस राष्ट्रमंदिर का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखी है। मंदिर बनने के बाद पर्यटन होटल लॉजिस्टिक समेत कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित होंगे। जीआईएस में इन शहरों को 45402 करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिले। इसके जरिए 53472 युवा रोजगार से जुड़ेंगे। वहीं सीतापुर के नैमिषारण्य में भारत के जिस वैदिक साहित्य का लेखन हुआ वहां 28304 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले। सीतापुर जिले में भी इसके जरिए 25852 युवाओं को अपने ही घर में रोजगार मिलेगा।

 काशी और मिर्जापुर के युवा भी पर्यटन की संभावनाओं से होंगे लाभान्वित

काशी में विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के बाद से ही यहां श्रद्धालुओं की आवाजाही बढ़ गई। कॉरिडोर के बाद से प्रसाद वाले तिलक चंदन वालों समेत छोटे छोटे रोजगार के वृहद अवसर सृजित हुए तो पर्यटन भी काफी तेजी से बढ़ा। इसके साथ ही अलग अलग क्षेत्रों में निजी उद्यमियों के जरिए सरकार यहां भी रोजगार के अवसर मुहैया कराने को आशान्वित है। काशी में निवेश के 434 प्रस्ताव सरकार को मिले हैं। कुल एक लाख 37 हजार 224 करोड़ के निवेश की योजना के जरिए एक लाख 35 हजार 108 लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं मिर्जापुर के विंध्याचाल धाम में विंध्य कॉरिडोर का काम भी तेजी से हो रहा है। यहां मां विंध्यवासिनी के दर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। मिर्जापुर के खाते में भी जीआईएस के जरिए 64010 करोड़ का प्रस्ताव आया है। सरकार 25 हजार युवाओं के लिए विंध्याचल में रोजगार मुहैया कराने को प्रयत्नशील है।

 मथुरा  चित्रकूट और संगमतीरे भी रोजगार

श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा  भगवान श्रीराम से जुड़ा चित्रकूट और संगम नगरी प्रयागराज का भी सरकार ने काफी विकास किया। 2019 में लगे प्रयागराज कुंभ में सरकार ने इस शहर की दशा बदल दी। सरकार के इस फैसले ने स्थानीय लोगों के साथ देश प्रदेश में भी वाहवाही लूटी। अध्यात्म की बदौलत अलग पहचान रखने वाले इन शहरों को भी योगी सरकार ने आर्थिक रूप से संपन्न बनाने की  सिर्फ पहल की बल्कि जीआईएस के जरिए रोजगार के अवसर भी पैदा किए हैं। यहां पर्यटन होटल समेत अनेक क्षेत्रों में निवेशकों के लिए सुगम राह भी तैयार हो चुकी है। मथुरा में 23798 करोड़ के निवेश से 50387 चित्रकूट में 63059 करोड़ से 78471 और प्रयागराज में 53152 करोड़ से 67033 लोगों के लिए रोजगार पैदा होंगे।


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