by admin on | 2023-06-25 18:12:01
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काशी में विकास के ट्रिपल इंजन मॉडल से तीन गुनी रफ्तार से काम हो रहा है। काशी विश्वनाथ धाम, जहां पर पहले संकरी गलियों से होकर जाना होता था और जहां पहले एक साल में एक करोड़ श्रद्धालु आते थे, आज उसका कायाकल्प हो चुका है। आज एक महीने में ही एक करोड़ श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे हैं। आज काशी में हर तरफ से फोर लेन कनेक्टिविटी है। लखनऊ, प्रयागराज, गाजीपुर, गोरखपुर को फोर लेन की बेहतरीन कनेक्टिविटी से जोड़ा गया है। साथ ही देश और दुनिया के तमाम शहरों से साथ वायु सेवा को जोड़ा गया है।
काशी ने देश और दुनिया को कई मॉडल दिए हैं। चाहे काशी विश्वनाथ धाम हो या स्वास्थ्य के क्षेत्र में वाराणसी का हब के रूप में उभरना। काशी-तमिल संगमम से एक नई पहचान मिली है। तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश से श्रद्धालु आ रहे हैं। वे सभी यहां काशी के वैभव को महसूस कर रहे हैं। काशी के पुरातन गौरव को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पुनर्स्थापित किया जा रहा है। काशी का विकास होने से मंदिर और पर्यटन स्थल नये मॉडल के रूप में उभरकर सामने आए हैं।
एमवी गंगा विलास क्रूज के शुभारंभ से काशी में पर्यटन के नये युग की शुरुआत हुई है। विश्वनाथ धाम बनने के साथ ही काशी में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ी है। काशी आज नई पहचान के साथ आगे बढ़ रहा है। इससे एक भारत, श्रेष्ठ भारत के अभियान को भी बल मिल रहा है।
वाराणसी को भारत का पहला पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे सौगात मिली है। रोपवे कैंट रेलवे स्टेशन (वाराणसी जंक्शन ) से गोदौलिया चौराहे तक चलेगा। डबल इंजन की सरकार की इस योजना से काशी विश्वनाथ मंदिर,दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा। वाराणसी में नेशनल हाई वे, रिंग रोड, फ्लाईओवर, आरओबी, के बाद अब भीड़-भाड़ वाले इलाके में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोप वे चलने से वाराणसी में आने वाले देशी -विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भी काफी राहत मिलेगी।