by admin on | 2023-09-17 11:07:30
Share: Facebook | Twitter | Whatsapp | Linkedin Visits: 155
लखनऊ। प्रदेश में बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और किसानों को स्वच्छ ऊर्जा विकल्प उपलब्ध कराने के लिए योगी सरकार निरंतर प्रयासरत है। इससे न केवल किसानों को उन्हें कम दाम में स्वच्छ ऊर्जा चालित विकल्प मिलेगा वहीं पर्यावरण की रक्षा में भी यह एक उल्लेखनीय कदम साबित होगा। इससे क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन की रफ्तार रोकने और कार्बन एमीशन की तीव्रता को कम करने में मदद मिलेगी। वहीं, सिंचाई की लागत भी कम आएगी क्योंकि बिजली और डीजल आपूर्ति पर उनकी निर्भरता में कमी आएगी।
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम योजना) को उत्तर प्रदेश में लागू कराने के लिए सीएम योगी की मंशा के अनुरूप संशोधित कार्ययोजना को अनुमति मिल गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत 434 करोड़ रुपये खर्च कर 30 हजार सोलर फोटो वोल्टिक इरीगेशन पंप को इंस्टॉल किए जाएंगे। योगी सरकार इस मद में ₹217.84 करोड़ बतौर राज्यांश जबकि मोदी सरकार ₹217.09 करोड़ केंद्रांश के तौर पर धनराशि जारी करेगी। इस कार्य योजना को राज्य में क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा अभिकरण (यूपीनेडा) को दी गई है। सर्फेस व सबमर्सिबल पंप इंस्टॉलेशन के जरिए 75 जिलों के किसानों को स्वच्छ ऊर्जा आधारित सिंचाई व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी।
किसानों को मिलेगी बड़ी मदद
विभिन्न क्षमता के 7.5 एचपी तक के स्टैंड अलोन सोलर पंपों की स्थापना पर बेंचमार्क कॉस्ट का 30 प्रतिशत केंद्रांश व 30 प्रतिशत राज्यांश के रूप में कुल 60 प्रतिशत का अनुदान की धनराशि राज्यांश के रूप में उपलब्ध कराएगी। वहीं, कृषि अवस्थापना निधि के तगत स्टैंड अलोन सोलर पंपों के इंस्टॉलेशन के लिए इच्छुक किसान आवश्यक कृषक अंश को बैंक से ऋण लेकर जमा कर सकेंगे। इस पर केंद्र और राज्य सरकारें 3- 3 प्रतिशत पर कुल 6 प्रतिशत की छूट ब्याज में प्रदान की जाएगी। इसके इंस्टॉलेशन से किसानों को सौर उर्जा चालित पंपों की स्थापना करने में मदद मिलेगी ।