by admin on | 2023-05-20 09:15:13 Last Updated by admin on2024-11-21 14:26:14
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योगी सरकार बनने के बाद से ही उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं लगातार बेहतर हुई हैं। मेडिकल कॉलेज, एम्स, हेल्थ एटीएम बनने से हर मरीज को बेहतर और सही समय पर इलाज मिल रहा है।
प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए योगी सरकार प्रदेश के सभी 4600 वेलनेस सेंटर पर हेल्थ एटीएम स्थापित किया है। हेल्थ एटीएम सेहत से जुड़े सभी 60 जांच करके रोग के विषय में जानकारी दे रहा है। मरीजों को यह जानकारी प्रिंटआउट, वाट्सऐप, ई-मेल और एसएमएस के जरिए उपलब्ध कराई जा रही है। इतना ही नहीं जल्द से जल्द प्रदेश के सभी हेल्थ एटीएम के साथ ही टेलीकंसल्टेशन की सुविधा भी स्वास्थ्य केंद्रों पर मिल रही है।
प्रदेश में किसी भी गरीब की इलाज के अभाव में मौत न हो इसके लिए मुख्यमंत्री हमेशा प्रयासरत रहते हैं। उन्होंने अपने 6 साल के कार्यकाल में प्रदेशवासियों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दिल खोल कर मदद की है। जानकारों की मानें तो पिछले 6 साल में करीब 90 हजार से अधिक गंभीर रोगियों की मदद के लिए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से अब तक के राहत 15 सौ करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि का वितरण किया जा चुका है।
प्रदेश के सभी ग्रामीण व नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पीएचसी पर रविवार को मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया जा रहा है। आरोग्य मेले में गर्भावस्था एवं प्रसवकालीन सेवाएं, पूर्ण टीकाकरण, बच्चों में डायरिया और निमोनिया के रोकथाम, बचाव और उपचार की जानकारी और सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके साथ ही कुपोषित बच्चों की पहचान और उपचार के लिए समुचित कार्रवाई हो रही है। परिवार कल्याण कार्यक्रमों के तहत बास्केट ऑफ च्वाइस के बारे में मेले में आने वाले लोगों को बताया जा रहा है।
इच्छुक लाभार्थियों को परिवार नियोजन के साधन भी मुहैया कराए जा रहे हैं। ओपीडी की सेवाओं के साथ फाइलेरिया, दिमागी बुखार, टीबी, मलेरिया, डेंगू, एवं कुष्ठ रोग से संबंधित जानकारी, आवश्यक जांच, उपचार और रेफर की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। आरोग्य मेले के दौरान स्वास्थ्य केंद्र पर राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना सहित अन्य कार्यक्रमों के स्टॉल लगाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले से जुड़कर अब तक 11,46,78,585 करोड़ मरीज अपना उपचार करा चुके हैं।
वहीं आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में 40 लाख अन्त्योदय कार्ड बनाए जा चुके हैं, जिसमें 11 लाख निर्माण श्रमिक भी शामिल हैं। इतना ही नहीं योजना के तहत 1.78 करोड़ परिवारों के लगभग 8.90 करोड़ लाभार्थियों को 5 लाख रु तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। साथ ही राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के लिए पं. दीनदयाल उपाध्याय कैशलेस चिकित्सा योजना हो हरी झंडी दी जा चुकी है।
योगी सरकार एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज को आत्मसात करते हुए प्रदेश में युद्धस्तर पर इस दिशा में काम कर रही है। इसी का नतीजा है कि अब तक प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 12 से बढ़कर 65 हो गई है। मुख्यमंत्री का लक्ष्य एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज का है। इसके तहत 22 जिलों में मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं।
यही नहीं, सरकार बिना किसी दुष्प्रभाव के रोगों को जड़ से खत्म करने वाली इलाज की परंपरागत विधाओं पर भी बराबर ध्यान दे रही है। इसके लिए गोरखपुर में प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय बना है।
अन्य स्वास्थ्य सेवाओं पर एक नजर
◆ प्रदेश में 250 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस सेवा, 2270 नेशनल एम्बुलेंस सेवा एवं 812 नई 108 एम्बुलेंस सेवा संचालित
◆ प्रदेश में 100 शैय्या के 03 संयुक्त चिकित्सालय, 05 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 05 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण।
◆ 1838 सरकारी तथा 1750 निजी क्षेत्र की एमबीबीएस सीटों में वृद्धि पीजी की सरकारों व निजी कुल 1443 सीटों की वृद्धि।
◆ नर्सिंग में 7000 सीट्स तथा पैरामेडिकल में 2000 सीट्स की वृद्धि।
◆ विशेष संचारी रोग नियंत्रण दस्तक अभियान के तहत एईएस-जेई वायरस के खिलाफ सघन अभियान। पूर्वांचल क्षेत्र दिमागी बुखार इंसेफेलाइटिस के कहर से मुक्त। इस बीमारी से होने वाली मौतों पर 95 प्रतिशत तक नियंत्रण।
◆ लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना गोरखपुर एवं राय बरेली में एम्स की स्थापना।