by admin on | 2023-05-20 10:02:30 Last Updated by admin on2024-11-21 14:18:49
Share: Facebook | Twitter | Whatsapp | Linkedin Visits: 174
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा गोरखपुर को मेडिकल हब बनाने की है। इस मंशा को पूरा करने में एम्स की भी बड़ी भूमिका नजर आ रही है। रोगियों का लगातार बढ़ रहा भरोसा यह दर्शाता है कि गोरखपुर एम्स चिकित्सा क्षेत्र में जेम्स (रत्न) बनने की राह पर है। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि स्थापना के बाद से अब तक करीब 14 लाख मरीज एम्स की ओपीडी में इलाज करा चुके हैं। साथ ही यहां ओपीडी का दायरा भी विस्तारित होता जा रहा है।
एम्स प्रशासन को मरीजों का विश्वास जीतने में यह सफलता स्थापना के महज 5 वर्ष में ही मिल गई है। जबकि इस दरम्यान वैश्विक महामारी कोरोना की त्रासदी भी रहीं। जिसमें करीब आठ महीने तक ओपीडी पर ताला लटका रहा। कोविड कंट्रोल के बाद ओपीडी सेवा में इन दिनों औसतन 2500 से अधिक मरीज रोजाना इलाज करा रहे हैं। जबकि वर्ष 2021 में यह आंकड़ा 1100 का रहा। यहां पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही सीमाई बिहार क्षेत्र के मरीज भी बड़ी संख्या में इलाज कराने आ रहे हैं।
एम्स में सबसे ज्यादा मरीज मेडिसिन में इलाज कराने पहुंचे हैं। सिर्फ इस विभाग में अब तक 2.5 लाख से अधिक मरीज इलाज करा चुके हैं। 15 अप्रैल तक इस विभाग में 252593 मरीजों का इलाज हुआ। हड्डी रोग विभाग में भी 228878 मरीजों का इलाज हुआ। इसके अलावा त्वचा रोग, ईएनटी, जर्नल सर्जरी, नेत्र रोग विभाग में एक से डेढ़ लाख मरीजों का इलाज हुआ है। इसमें मरीजों की टेलीकंसल्टेंसी भी शामिल है। इसमें करीब 55 फीसदी नए मरीज है। जबकि शेष पुराने व फॉलोअप मरीज हैं। दूसरे अस्पतालों से रिकार्ड मरीज भी एम्स में रेफर होकर आ रहे हैं। यह आंकड़ा भी करीब एक लाख तक पहुंच गया है।
एम्स में 15 प्रमुख विभागों की रोजाना ओपीडी संचालित होती है। इसमें दंत रोग, त्वचा रोग, नाक कान गला रोग, फैमिली मेडिसिन, जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, होम्योपैथी, गाइनी, नेत्र रोग, आर्थोपेडिक, पीडियाट्रिक, फिजिकल मेडिकल रिहैबिलिटेशन, मानसिक रोग, पल्मोनरी मेडिसिन और रेडियोथैरेपी की ओपीडी शामिल है। इसके अलावा 12 स्पेशलिटी क्लीनिक भी संचालित होती है। इसमें फ्लू क्लीनिक, ब्रेस्ट सर्जरी, थायराइड सर्जरी, हृदय रोग, कनेक्टिव टिशू, डायबिटीज क्लिनिक, मल्टीसिस्टम्स नेफ्रोलॉजी, नशा उन्मूलन, गर्भस्थ शिशु उपचार क्लिनिक और आईसीटीसी सेंटर शामिल है।
गोरखपुर को एम्स की सौगात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी लेकिन सभी यह स्वीकार करते हैं कि गोरखपुर को एम्स दिलाने का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को है। बतौर सांसद योगी आदित्यनाथ एम्स की स्थापना के लिए करीब डेढ़ दशक तक संघर्षरत रहे। उनकी ही मांग पर पीएम मोदी ने 22 जुलाई 2016 को एम्स का शिलान्यास किया था। 1011 करोड़ रुपये की लागत से बने एम्स का लोकार्पण सीएम योगी की मौजूदगी में पीएम मोदी ने 7 दिसंबर 2021 को किया था। लोकार्पण के पूर्व ही यहां 24 फरवरी 2018 से ओपीडी की शुरुआत आयुष विंग में हुई थी। शुरुआत में 11 विभागों की ओपीडी शुरू हुई थी। अब इसकी संख्या बढ़कर 27 हो गई है। वर्ष 2019 से एम्स में एमबीबीएस की पढ़ाई भी शुरू हो गई। मरीज भी भर्ती हो रहे हैं। जल्द ही 730 बेड का संपूर्ण अस्पताल संचालित होगा। इसके अलावा सुपर स्पेशियलिटी की ओपीडी भी शुरू हो गई है।
*इन प्रमुख विभागों में ओपीडी में हुआ इलाज
विभाग* ओपीडी में मरीज
दंत रोग 63442
त्वचा रोग 133908
नाक कान गला रोग 118419
मेडिसिन 252593
जनरल सर्जरी 142042
गायनी 80795
नेत्र रोग 115938
आर्थोपेडिक 228878
बाल रोग 56958