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शामली मऊ में PPP मोड पर मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए MoU

by admin on | 2023-07-13 10:51:54

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शामली मऊ में PPP मोड पर मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए MoU

सीएम योगी ने नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थानों की गुणवत्ता सुधार के लिए अपनाई गई मेंटॉर मेंटी प्रक्रिया के तहत 8 नए संस्थानों को दिया मेंटॉर का प्रमाण पत्र 

लखनऊ। सीएम योगी की अध्यक्षता में बुधवार को चिकित्सा शिक्षा के अंतर्गत शामली और मऊ जिले में PPP मोड पर मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए अनुबंध हुआ। वहीं मिशन निरामया के तहत प्रदेश के सभी नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थानों की रेटिंग जारी की गई। नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थानों की गुणवत्ता सुधार के लिए अपनाई गई मेंटॉर मेंटी प्रक्रिया के तहत 8 नए संस्थानों को मेंटॉर का प्रमाण पत्र दिया गया।

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में मात्र 12 मेडिकल कॉलेज थे लेकिन 2017 के बाद पीएम मोदी की एक जिला एक मेडिकल कॉलेज की परिकल्पना को साकार करते हुए आज उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो रही है। आज 45 जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हैं जबकि 16 जिलों में निर्माणाधीन हैं।

मऊ और शामली जैसे जिले जो 6 वर्ष पहले अन्य कारकों से जाने जाते थे। वहां आज मेडिकल कॉलेज स्थापित हो रहे है। मऊ माफिया के कारण भयभीत रहता था तो शामली में पलायन का दंश था लेकिन आज इन दोनों ही जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो रही है। यह किसी सपने के साकार होने जैसा है।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने पैरामेडिकल और नर्सिंग संस्थानों को उपेक्षित रखा था। स्टेट मेडिकल फैकल्टी खुद बीमार थी और गुणवत्तापरक शिक्षा पर कोई ध्यान नहीं था। ऐसे में मिशन निरामया की आवश्यकता थी। जिसे सरकार ने बढ़ाया। इसके तहत 12 अच्छे संस्थानों को मेंटॉर के रूप में चिह्नित किया गया। मेंटॉर मेंटी की नीति के साथ आगे बढ़ी सुधार की प्रक्रिया का ही परिणाम है। आज 8 और संस्थान मेंटॉर के रूप में अपग्रेड हो गए हैं। यह बदलती हुई व्यवस्था का प्रमाण है।


सीएम योगी ने कहा की शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। मेडिकल कॉलेज हो या हॉस्पिटल, नर्सिंग हो या पैरामेडिकल कॉलेज, अगर गुणवत्ता है, मानक पूरा है तो उसकी शासन की सभी पात्र योजनाओं का लाभ बिना विलंब मिलना चाहिए।

अगर वह मानक पूरा नहीं करता तो ऐसे संस्थानों को अपनी सूची से बाहर किया जाना चाहिए। क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया द्वारा शुचिता और पारदर्शिता के  साथ कि गई नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थानों की गुणवत्ता रैंकिंग अन्य संस्थानों को भी बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगी।


उन्होंने बताया कि प्रदेश के 16 असेवित जनपदों में पीपीपी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप आधार पर मेडिकल कालेज की स्थापना किए जाने का निर्णय लिया गया था। महाराजगंज और संभल में निजी निवेश कर्ताओं का चयन पूर्व में किया जा चुका है एवं दोनों स्थान पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण प्रगति पर है। आज जनपद मऊ में राजीव सामाजिक शिक्षा सेवा संस्थान को तथा जनपद शामली में चिह्नित प्राईवेट पार्टनर-ज्ञान चेतना एजुकेशलन सोसाइटी एवं उत्तर प्रदेश शासन के बीच एग्रीमेंट हस्ताक्षरित हुआ है। प्रत्येक स्थान पर निजी निवेशकर्ता द्वारा लगभग ₹250 करोड़ के निवेश से एक निजी मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाएगा।

मिशन निरामया के तहत नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थाओं की गुणवत्ता सुधार हेतु अनेक कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। उक्त कार्यक्रम के अन्तर्गत एक प्रयास यह है कि प्रदेश में स्थापित समस्त नर्सिंग व पैरामेडिकल कालेज सरकारी एवं निजी का निरीक्षण क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया द्वारा कराया जाये और इसके आधार पर संस्थाओं को एक एक्रीडेशन रैंकिंग स्कोर प्रदान किया जाये। उक्त एक्रीडेशन रैंकिंग एक पुस्तिका के रूप में प्रकाशित की गई है। उत्तर प्रदेश इस उपलब्धि को हासिल करने वाला पहला राज्य है।


उन्होंने बताया कि स्टेट मेडिकल फैकल्टी के कायाकल्प की आवश्यकता है। इस दिशा में अच्छे प्रयास भी हुए हैं। किसी भी फाइनेंसियल ट्राजैक्शन हेतु अब किसी भी निजी संस्था व राजकीय संस्था अथवा चिकित्सा व्यवसायी को स्टेट मेडिकल फैकल्टी का शुल्क जमा करने हेतु भौतिक रूप से आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी क्योंकि सभी ट्रांजैक्शन के लिए एक आनलाइन पेमेंट गेटवे की व्यवस्था की गई है जिसका आज शुभारम्भ किया गया है।


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