by admin on | 2023-05-20 09:41:19 Last Updated by admin on2024-11-23 09:52:21
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए प्रयासरत हैं। उनका यह प्रयास रंग भी ला रहा है। पिछले 6 वर्षों में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हुआ है। पूरे देश में प्रदेश के जिला चिकित्सालयों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस मानक एनक्यूए के आधार पर प्रथम स्थान मिलना इसका जीता जागता उदाहरण है, जिसे भारत सरकार के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जिला चिकित्सालयों की गुणवत्ता पर प्रदान किया जाता है। यह प्रमाण पत्र नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस एनक्यूए स्टैंडर्ड मानकों के आधार पर तीन चरणों की जटिल प्रक्रिया के बाद प्रदान किया जाता है। वहीं योगी सरकार ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और उसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य कमियों को स्किल्ड बर्थ अटेंडेंट (एसबीए) का प्रशिक्षण युद्धस्तर पर दिया जा रहा है।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से हाल ही में प्रदेश के जिला चिकित्सालयों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं देने पर 46 जिलों की 81 चिकित्सा इकाइयों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस प्रमाणपत्र दिया गया है, जिसमें 43 जनपद स्तरीय, 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। वहीं प्रदेश के अन्य चिकित्सा इकाइयों को एनक्यूए प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए योगी सरकार की ओर विभिन्न आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये हैं।
साथ ही इन चिकित्सा इकाइयों में विभिन्न सुधार के लिए भारीभरकम बजट भी दिया गया है ताकि प्रदेश की सभी चिकित्सा इकाइयां नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड मानकों पर खरे उतर सकें। सीएम योगी ने एक बैठक में उच्च अधिकारियों को प्रदेश की 25 करोड़ आबादी को सरकारी अस्पतालों में गुणवत्तापरक उपचार के साथ जीरो पॉकेट खर्च पर काम करने के निर्देश दिये हैं ताकि लोग प्राइवेट अस्पतालों की ओर रूख न करें। इसके साथ ही प्रदेश की विभिन्न चिकित्सा इकाइयों में मातृ और बाल स्वास्थ्य में सुधार के साथ प्रमाणीकरण के लिए लक्ष्य और मुस्कान प्रमाणीकरण कार्यक्रम युद्धस्तर पर संचालित किया जा रहा है।
योगी सरकार प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को सौ प्रतिशत सुरक्षित प्रसव की सुविधा देने और मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रदेश के प्रसव केंद्र पर तैनात एएनएम, एलएचवी लेडी हेल्थ विजिटर, स्टाफ नर्स, आयुष महिला डॉक्टर्स की क्षमता को बढ़ाने के लिए स्किल्ड बर्थ अटेंडेंट एसबीए ट्रेनिंग दे रही है। इसका मुख्य लक्ष्य नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 5 के अनुसार प्रति लाख डिलीवरी के वक्त मातृ मृत्यु दर जो 167 है, उसे कम करके वर्ष 2030 तक 70 पर लाना है। इसी तरह नवजात शिशु मृत्यु दर प्रति एक हजार जीवित प्रसव 28 है, जिसे वर्ष 2030 तक 12 तक लाने का लक्ष्य रखा गया है।
एसबीए ट्रेनिंग के जरिये योगी सरकार गर्भवती महिला को 100 प्रतिशत सुरक्षित प्रसव की सुविधा देने के लिए तैनात स्वास्थ्य कर्मियों के ज्ञान और कौशल की क्षमता में वृद्धि करना है ताकि प्रसव से पहले और बाद में आने वाले दिक्कतों से निपटा जा सके। ट्रेनिंग के दौरान स्टाफ को एक्टिव मैनेजमेंट ऑफ थर्ड स्टेज ऑफ लेबर की जानकारी भी दी जा रही है ताकि संक्रमण को पूरी तरह रोका जा सके। प्रदेश की करीब पांच हजार एएनएम, एलएचवी, स्टाफ नर्स और आयुष महिला डॉक्टर को एसबीए की ट्रेनिंग दी जा रही है।