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योगी सरकार में चित्रकूट, झांसी नोड का औद्योगिक विकास

by admin on | 2023-08-04 07:04:39

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योगी सरकार में चित्रकूट, झांसी नोड का औद्योगिक विकास

-बुंदेलखंड क्षेत्र के औद्योगिक विकास के लिए प्रतिबद्ध सीएम योगी की मंशा के अनुरूप दोनों नोड्स की इंडस्ट्रियल प्लॉटिंग्स नए सिरे से होगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के साथ योगी सरकार विशेष रूप से बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक विकास की ओर तेजी से कदम बढ़ा रही है। इसी क्रम में झांसी व चित्रकूट नोड को विशेष तौर पर लाभ पहुंचाने के प्रयास हो रहे हैं। 

इन दोनों नोड्स की इंडस्ट्रियल प्लॉटिंग्स का विवरण उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की ओर से नए सिरे से जारी किया गया है। यह मुख्यतः इन नोड्स के इंडस्ट्रियल लैंड बैंक्स में उपलब्ध इंडस्ट्रियल प्लॉटिंग्स का लघु विवरण है, जिसमें इनके क्षेत्रफल, अनुमानित वर्तमान कीमत समेत कई विवरण उपलब्ध कराए गए हैं। 

गौरतलब है कि बुंदेलखंड में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए सीएम योगी का हमेशा से विशेष फोकस रहा है और यही कारण है कि इस क्षेत्र में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप औद्योगिक विकास को गति देने के लिए औद्योगिक विकास विभाग, यूपीसीडा, यूपीडा समेत कई विभाग लगातार प्रयासरत हैं।


प्रति स्क्वायर मीटर की दर से इंडस्ट्रियल प्लॉट्स का मूल्य तय

यूपीडा का प्रयास झांसी-चित्रकूट नोड में इंडस्ट्रियल लैंड बैंक्स के अधीन लिस्टेड इंडस्ट्रियल प्लॉट्स को नीलामी के लिए नए सिरे से निवेशकों और उद्योगकर्ताओं के समक्ष प्रस्तुत करने का है। मौजूदा लिस्टिंग के अंतर्गत चित्रकूट नोड में 433.57 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर की दर वाले कुल 38 प्लॉट्स और झांसी में 362.28 रुपये प्रति स्क्वायर की दर पर 45 इंडस्ट्रियल प्लॉट्स की लिस्टिंग की गई है। चित्रकूट में 160.62 व झांसी में 383.01 एकड़ जमीन फिलहाल यूपीडा द्वारा शोकेस की जा रही है। इन नोड्स पर यूपीडा ने भू-आवंटन के लिए इच्छुक निवेशकों और उद्यमियों से निवेश मित्र पोर्टल के जरिए आवेदन मांगे हैं।


डी-नोटिफाई क्षेत्रों की लिस्टिंग्स भी जारी

यूपीडा द्वारा हाल ही में ग्रेटर नोएडा से बलिया के बीच प्रस्तावित 8 लेन प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे परियोजना को लेकर भी एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया था। इसके अंतर्गत, यूपीडा के विकास क्षेत्र के रूप में पहले अधिकृत किए गए ग्रामों से संबंधित अधिसूचनाओं को डी-नोटिफाई किया गया है। इसमें उन जिलों के सभी तहसीलों व गांवों का उल्लेख किया गया है जिसे इस परियोजना से डी-नोटिफाई किया गया है। जिन क्षेत्रों को इस परियोजना से डी-नोटिफाई किया गया है उनमें बदायूं, लखनऊ, कानपुर नगर, गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, गाजीपुर, बलिया, मिर्जापुर, वाराणसी, संत रविदास नगर, बुलंदशहर, प्रयागराज, कांशीराम नगर, हरदोई, प्रतापगढ़, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर, रायबरेली व उन्नाव के रूप में कुल 19 जिलों की 41 तहसीलों के सैंकड़ों गांव शामिल हैं।


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