by admin on | 2023-10-18 07:26:59
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गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन शक्ति के संबल से घने जंगलों में बसे वनटांगिया गांव में सिर्फ अप्रत्याशित विकास ही नहीं दिखेगा, बल्कि यहां नारी सशक्तिकरण और महिलाओं के स्वावलंबन की सुनहरी होती तस्वीर भी नजर आएगी। गोरखपुर के वनटांगिया गांव तिकोनिया नम्बर तीन में बुनियादी सुविधाएं तो शहरी इलाकों सरीखी हो हो चली हैं, इस गांव की मातृशक्ति ने मिशन शक्ति के स्वावलंबन के मूलमंत्र को भी अंगीकार कर लिया है। तिकोनिया नम्बर तीन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित 15 महिला स्वयंसेवी समूहों से जुड़कर अधिकांश महिलाएं पारिवारिक आय में वृद्धि कर रही हैं।
कुसम्ही जंगल में साखू के घने पेड़ों की छांव से घिरे वनटांगिया गांव तिकोनिया नम्बर तीन में कभी बदहाली और मायूसी का ही डेरा था लेकिन आज हर घर पर सरकार की योजनाओं से आई खुशहाली की छाप है। जंगल बसाकर जीवनदायिनी ऑक्सीजन की व्यवस्था करने वाले इन वनटांगियों के खुद के जीवन में अव्यवस्था थी। जंगल में इनकी बसावट सौ साल से अधिक पुरानी है। सीएम योगी की इन पर नजर पड़ने से पहले बुनियादी सुविधाओं की बात तो दूर, इन्हें राजस्व अभिलेखों में नागरिक का दर्जा तक नहीं था। संसदीय कार्यकाल से इनकी पीड़ा को योगी आदित्यनाथ ने महसूस किया तो मुख्यमंत्री बनते ही उनकी सभी दिक्कतों को एक-एक कर दूर कर दिया। झोपड़ी में रहने वाले अब शौचालय की सुविधा से युक्त पक्के मकान में जगमग रोशनी के बीच रहते है। सरकार की हर योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, उनके बच्चे गांव में ही बने स्कूलों में पढ़ अपने भविष्य की राह पर सरपट दौड़ने को आतुर हैं। इन वनटांगिया से योगी आदित्यनाथ का लगाव इतना गहरा है कि वह सांसद के रूप में उनके बीच ही दिवाली मनाने की परंपरा को उन्होंने सीएम बनने के बाद भी अक्षुण्ण रखा है। बच्चे उनको टॉफी बाबा के नाम से जानते हैं। बाकियों के लिए वह बाबाजी या महाराजजी हैं।
योगी के सीएम बनने के बाद हर बुनियादी सुविधा और जनकल्याणकारी योजना का लाभ तो मिला ही, उनके द्वारा शुरू की गई मिशन शक्ति की प्रेरणा से गांव की महिलाओं ने स्वावलंबन की राह भी पकड़ ली है। तिकोनिया नम्बर तीन वनटांगिया गांव की ज्योति समूह सखी हैं। ज्योति बताती हैं कि इस गांव में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत 15 महिला स्वंयसेवी समूह क्रियाशील हैं। हर समूह में 10 से 12 महिलाएं जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। इन समूहों के जरिये ही गांव में किराना की तीन दुकानें संचलित हो रही हैं। कई अन्य समूहों से जुड़ीं महिलाएं सब्जी की खेती और पशुपालन (गाय, भैंस, बकरी) से जुड़कर आय अर्जित कर रही हैं। वह इस बदलाव का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देती हैं। समूह सखी के रूप में ज्योति महिला स्वंयसेवी समूहों के लेनदेन में मदद करती हैं। हर माह में समूह की महिलाओं की चार बैठक होती है जिसमें वे आपस में अपना काम बढ़ाने को लेकर चर्चा भी करती हैं।