by admin on | 2023-10-03 08:11:30
Share: Facebook | Twitter | Whatsapp | Linkedin Visits: 154
लखनऊ । आकांक्षात्मक विकास खंडों में विकास कार्यक्रमों की सतत मॉनीटरिंग के लिए सीएम फेलो की तैनाती से मिले शानदार परिणाम के बाद अब आकांक्षात्मक नगरों में भी सीएम फेलो की तैनाती की जाएगी। यह फेलो अपने प्रभार वाले नगर में ही निवास करेंगे और योजना का सही क्रियान्वयन सुनिश्चित कराएंगे। इस संबंध में जल्द ही औपचारिक घोषणा होने की संभावना है। आकांक्षी नगरों में सीएम फेलो की तैनाती के माध्यम से युवाओं को शासन के साथ जुड़कर कार्य करने का अवसर मिल रहा है। वहीं मुख्यमंत्री ने बीते दिनों एक कार्यक्रम में घोषणा की है कि सीएम फेलो की सेवावधि पूर्ण होने के बाद भविष्य में होने वाली शासकीय सेवाओं में इन युवाओं को वरीयता दी जाएगी। शासन स्तर पर इस संबंध में नीति तैयार हो रही है।
बता दें कि आकांक्षात्मक जनपद और आकांक्षात्मक विकास खंडों के रूप में विकास की दौड़ में पिछड़े क्षेत्रों के बहुआयामी विकास की के सफल प्रयोग के बाद अब उत्तर प्रदेश में आकांक्षी नगरों का चयन किया जा रहा है। इसके तहत, 20 हजार से 01 लाख जनसंख्या के नगर निकायों के संसाधनों के आदर्श रूप में प्रयोग, आर्थिक विकास के अवसरों में वृद्धि कर पलायन को रोकने और उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने में बड़ा योगदान देने के लिए तैयार किए जाने के महत्वाकांक्षी उद्देश्यों के साथ 100 नगरों का चयन हो रहा है। आकांक्षी नगर योजना का मुख्य उद्देश्य वर्तमान में चल रही सरकारी योजनाओं को नियोजित शहरी विकास के लिए अच्छे ढंग से लागू करते हुए त्वरित प्रगति व सतत विकास प्राप्त करना है। योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था उपलब्ध है। इस योजना में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, सांसद/विधायक निधि, अन्य संस्थाओं से सहयोग प्राप्त कर कन्वर्जेन्स के माध्यम से परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसके लिए 03 सी (कनवर्जेन्स, कोलेबरेशन, कम्प्टीशन) मॉडल को अपनाने पर जोर दिया है।
योजनान्तर्गत स्टेट अर्बन डिजिटल मिशन के माध्यम से आकड़ों का संकलन एवं उनका अनुप्रयोग करते हुए अनुश्रवण, वित्तीय भौतिक प्रगति, गैप एनालिसेस एवं गुणवत्ता सुधार किया जाएगा। आकांक्षी नगर योजनान्तर्गत के तहत कुल 762 नगरीय निकायों में से 100 आकांक्षी नगरीय निकायों का चयन नीति आयोग द्वारा निर्धारित 16 पैरामीटर्स के आधार पर किया जाएगा। चयनित 100 नगर निकायों में यह योजना 31 मार्च, 2026 तक लागू रहेगी, परन्तु इनकी मॉनीटरिंग डॅशबोर्ड के माध्यम से 31 मार्च, 2028 तक चलती रहेगी। योजना के अन्तर्गत चयनित 100 आकांक्षी नगर निकायों में मुख्यमंत्री शहरी फेलोज के माध्यम से रणनीति तैयार करने, आकड़ो का संकलन एवं राज्य सरकार के साथ समन्वय, अनुश्रवण एवं अभिलेखों के रख-रखाव सम्बन्धी कार्य किए जाएंगे। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार योजना के सुचारु रूप से कियान्वयन हेतु योजना का सतत अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण किया जाएगा। योजना के तहत आकांक्षी शहरी निकायों के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रदर्शन के आधार पर निकायों को प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जायेगी। आकांक्षी नगर योजना से मूलभूत शहरी विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक संरचना के क्षेत्रों में परियोजना के क्रियान्वयन, आर्थिक अवसरों के सृजन से जनसामान्य को सीधा लाभ प्राप्त होगा।